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र ही दम लेगी। नेगी ने कहा कि सरकार/यूपीसीएल की लापरवाही/निकम्मेपन/नाफरमानी की वजह से प्रतिवर्ष विद्युत उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
आलम यह है कि यूपीसीएल पर राजभवन/मुख्यमंत्री/विद्युत नियामक आयोग एवं शासन के आदेशों कोई असर नहीं पड़ रहा है एवं विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है। नेगी ने कहा कि कुछ दिन पहले अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की विद्युत चोरी मामले में हुई कागजी लड़ाई/बहस इस बात की पुष्टि करती है कि विद्युत चोरी में बहुत बड़ा खेल अधिकारियों की मिलीभगत का है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 13.96 फ़ीसदी एवं ए टी एंड सी लॉस 15.25 फ़ीसदी रहा तथा इसी प्रकार क्रमशः वर्ष 2021-22 में 14.15 एवं 15.75 रहा तथा वर्ष 2022-23 में 14.41 एवं 15.49 रहा। इसके अलावा बाहर से लगभग1000 करोड रुपए से अधिक मूल्य की बिजली खरीदना एवं लगभग इतने ही मूल्य का लाइन लॉस उपभोक्ताओं पर कहर  बनकर टूट रहा हैद्य इसके साथ-साथ फिक्स्ड चार्जेस भी लोगों की जान पर बन आया हैद्य अधिकांश क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 25 से 40 फ़ीसदी है, बावजूद इसके विभाग को कोई चिंता नहीं है।         विद्युत मूल्य वृद्धि के मामले में मोर्चा सरकार को चौन से नहीं बैठने देगा। पत्रकार वार्ता में  विजयराम शर्मा व अशोक चंडोक मौजूद थे।

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