देहरादून: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को 5 राज्यों के पैक्स को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र के संचालन के लिए स्टोर कोड वितरित करने के कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया कि, ‘अब पैक्स के माध्यम से पीएम जन-औषधि केंद्रों में मिलने वाली सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएँ ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को भी उपलब्ध होंगी।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में पैक्स को बहुउद्देश्यीय बनाने का काम जोर-शोर से किया जा रहा है। सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने वाले शाह की देख-रेख में देश भर की 2,373 पैक्स को सस्ती दवा की दुकान यानी जन-औषधि केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
अंत्योदय की राजनीति करने वाले दिग्गज नेता अमित शाह के इस कदम से अब पैक्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और किसानों को भी सस्ती दवाइयाँ मिल पाएंगी। इसके पहले इसका फायदा सिर्फ शहर के गरीबों को ही मिलता था, क्योंकि जन-औषधि केंद्र ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं।
बीते 10 साल में मोदी सरकार में फार्मेसी के क्षेत्र में ढेर सारे सुधार हुए हैं और आज पूरे विश्व में भारत फार्मा क्षेत्र में अग्रणी उत्पादक देश बन गया है। दुनिया भर को दवाएँ भेजने वाले भारत में 60 करोड़ की आबादी महंगी दवाएँ खरीद ही नहीं पाते थे। लेकिन अमृतकाल में जेनरिक दवाओं की व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर भारतीय जन-औषधि केंद्र के माध्यम से 60 करोड़ गरीबों तक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। आज ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा सुधार हुआ है। मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को साकार करने की दिशा में दिन-रात जुटे शाह की नीतियों के तहत अब सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से सुदूर गाँवों तक जन-औषधि केंद्रों की पहुँच बढ़ रही है।
शाह का स्पष्ट मानना है कि सहकारिता एवं स्वास्थ्य का यह संगम समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का संगम है। आज कई राज्यों में सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से पैक्स की शुरुआत हुई है और लगभग 2,300 पैक्स गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में ग्रामीण क्षेत्र में सस्ती दवाइयाँ पहुँचाने का काम कर रहे हैं। पाँच पैक्स को सिंबॉलिक सर्टिफिकेट भी दिए गए जिसमें महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। गरीबी को मिटाने और गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय 2 लाख नए पैक्स बनाकर हर पंचायत तक पैक्स पहुँचाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
स्वास्थ्य सुधार के लिए बीते 9 सालों में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजना, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, मलेरिया मुक्त भारत, सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, फिट इंडिया, खेलो इंडिया और डायलिसिस प्रोग्राम जैसे ढेर सारे कार्यक्रमों का जाल बुन दिया गया है। आज जन-औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से ज्यादा हो गई है, जिनमें 2,260 से ज्यादा दवाइयाँ उपलब्ध हैं।
गरीब-से-गरीब व्यक्ति को सहकारिता के माध्यम से समृद्ध बनाने के मोदी जी के स्वप्न को साकार करने की दिशा में अमित शाह की तत्परता और प्रतिबद्धता से यह तय है कि आने वाले कुछ सालों में देश से गरीबी का नामो-निशान मिट जाएगा।