देहरादून ११ फरवरी, 2024 , प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय देहरादून के मुख्य सेवाकेंद्र सुभाषनगर मे “वर्तमान परिदृश्य मे मानव की भूमिका” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के मुख्यालय माउन्ट आबू से पधारी राजयोगिनी आदरणीय शारदा दीदी जी ने कहा – “मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है”
आज मनुष्य साइंस और टेक्नोलॉजी से चांद तक तो पहुंच गया है, तरक्की करते जा रहा है परंतु नैतिकता,मूल्यों, चरित्र में गिरता ही जा रहा है। उत्थान भौतिकता से नहीं ,उत्थान वैल्यूज अर्थात् मूल्यों से होगा।आज का मनुष्य सोचता कुछ है बोलता कुछ है और करता कुछ है।जब तक उसका खुद से ही सामंजस्य नहीं है तब तक उसका न परिवार,समाज,देश कही भी सामंजस्य नहीं हो सकता। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा की जैसे दो पांव के बीच दोस्ती है एक आगे जाता तो दूसरा पीछे जाता है, ऐसी दोस्ती अगर मानव अपने आप से कर ले तो ईर्ष्या, द्वेष आदि सब समाप्त हो जाए।समय की पुकार है की मानव भारतीय संस्कृति के मूल्यों, नैतिकता को पुनः रियालाइज कर अपने जीवन मे धारण कर अपने व्यवहार वा आचरण मे लाए।बदलाव सब चाहते हैं।और ये बदलाव आध्यात्मिकता के बल से ही संभव है। अंत मे दीदी जी द्वारा योग अभ्यास कराया गया,जिसमे सभी आए हुए भाई बहनों ने गहरी शांति का अनुभव किया।
उनके पश्चात् मुख्य अतिथि के रूप में पधारी कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या जी ने कहा मानव की भूमिका अहम है।एक व्यक्ति से आवरण तैयार होता है।एक देश को चलाने के लिए संविधान की जरूरत है,धर्म के लिए ग्रंथ की जरूरत है ऐसे ही मनुष्य को चलाने के लिए आत्मा की जरूरत है।अपनी आत्मा की सुने तो इस युग मे रामराज्य आने मे देरी नहीं। उन्होनें कहा यहां आकर तन, मन,आत्मा तृप्त हुई।
माननीय विधायक सविता कपूर जी ने कहा मानव को अपने आचरण वा व्यवहार पर ध्यान देना है।महिलाएं परिवार को संभालती हैं।वो अगर अपना आचरण अच्छा रखें तो बच्चे भी वही करेंगे और ऐसे समाज अच्छा बनता चला जाएगा।
उनके पश्चात् सुनील उनियाल गामा जी (महापौर, देहरादून) ने कहा मानव को सुसंस्कृत होना चाहिए।भारत विश्वगुरु था फिर बन जाएगा जब हमारे अंदर संस्कार होंगे दुर्भावना नहीं होंगी।
कार्यक्रम का संचालन किया बीके सुशील जी ने किया।
अंत मे अतिथियों को ईश्वरीय विश्व विद्यालय की ओर से सौगात भेंट की गई।