देहरादून। भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक ने ग्राहकों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के प्रति सतर्क रहने की सलाह जारी की है, जिसका उद्देश्य इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में, धोखेबाज कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करते हुए व्यक्तियों या व्यवसायों को निशाना बनाते हैं। पीड़ितों को कथित कर चोरी, विनियामक उल्लंघन या वित्तीय कदाचार के लिए डिजिटल गिरफ्तारी वारंट की धमकी दी जाती है। धोखेबाज डिजिटल अरेस्ट वारंट को वापस लेने के लिए निपटान शुल्क या जुर्माना के रूप में भुगतान मांगते हैं। भुगतान हो जाने के बाद, धोखेबाज अपनी पहचान का कोई निशान छोड़े बिना गायब हो जाते हैं। धोखेबाजों के साथ साझा की गई व्यक्तिगत जानकारी के कारण पीड़ितों को आर्थिक नुकसान और कभी-कभी पहचान की चोरी का सामना करना पड़ता है।
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष-क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल, मनीष अग्रवाल ने इस धोखाधड़ी पर चेतावनी देते हुए कहा, धोखाधड़ी करने वाले सीधे ग्राहकों की भावनाओं को निशाना बना रहे हैं। जब भी किसी को कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करने वाले धोखेबाजों से कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो हमेशा उचित चैनल के माध्यम से सरकार / कानून प्रवर्तन अधिकारियों से स्वतंत्र रूप से संपर्क करके उनकी पहचान की पुष्टि करें। सतर्क रहना और इस तरह की धोखाधड़ी की प्रथाओं के बारे में जागरूक रहना ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।