देहरादून। महिंद्रा समूह की इकाई महिंद्रा ट्रक और बस डिवीजन (एमटीबीडी) ने ब्लेज़ो एक्स, फ्यूरियो, ऑप्टिमो और जायो ट्रकों की अपनी पूरी बीएस6 ओबीडी द्वितीय रेंज के लिए एक शानदार कस्टमर वैल्यू प्रीपोजीशन की घोषणा की है। कमर्शियल वाहन उद्योग में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिंद्रा ने इस पहल को ‘अधिक माइलेज हासिल करें या ट्रक वापस दें’ नाम दिया है। इस पहल में एचसीवी, आईसीवी और एलसीवी ट्रकों को शामिल किया गया है। इंडस्ट्री की यह अग्रणी पहल ईंधन की बढ़ती कीमतों और विकसित नियामक मानकों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए शुरू की गई है।
नई रेंज में फ्यूलस्मार्ट तकनीक के साथ प्रमाणित 7.2 एमपावर इंजन (एचसीवी) और एमडीआई टेक इंजन (आईएलसीवी), प्रमाणित आफ्टर ट्रीटमेंट सिस्टम के साथ माइल्ड ईजीआर शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप एड ब्लू की खपत कम होती है। साथ ही इनमें अन्य अनेक टैक्नोलॉजी संबंधी एडवांस्मेंट भी जोड़े गए हैं और अत्याधुनिक आईएमएएक्सएक्स टेलीमैटिक्स समाधान भी है, जो गारंटीड उच्च माइलेज सुनिश्चित करते हैं। इस माइलेज गारंटी में न केवल फ्यूल एफिशिएंसी शामिल है, बल्कि इसमें सबसे कम एड ब्लू खपत का संयोजन भी है, इसलिए सही मायने में महिंद्रा की माइलेज गारंटी का मतलब है श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ‘फ्लुइड एफिशिएंसी’।
प्रेसिडेंट ऑफ ट्रक्स, बसेज, सीई, एयरोस्पेस और डिफेंस बिजनेस, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और मेंबर, ग्रुप एक्जीक्यूटिव बोर्ड, महिंद्रा ग्रुप विनोद सहाय ने कहा कि ट्रक रेंज में ‘अधिक माइलेज हासिल करें या ट्रक वापस दें’ गारंटी एक ऐतिहासिक कदम है जो हमारी बेहतर उच्च तकनीक विशेषज्ञता, सेगमेंट की गहन समझ और हमारे ग्राहकों की उभरती जरूरतों को दर्शाता है। यह माइलेज गारंटी कार्यक्रम फ्लुइड एफिशिएंसी टेस्ट द्वारा समर्थित है, जो ग्राहक संतुष्टि और परिचालन दक्षता के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के बिजनेस हैड-कमर्शियल व्हीकल्स जलज गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारे वाहनों की बेहतर तकनीकी प्रगति के परिणामस्वरूप हायर फ्लुइड एफिशिएंसी साबित हुई है। 2016 में हमने बीएस3 रेंज में माइलेज गारंटी लॉन्च की थी। इसके बाद हमने इसे बीएस4-बीएस6 ओबीडी1 में जारी रखा और अब बीएस6 ओबीडी2 में लॉन्च कर रहे हैं, जो ट्रांसपोर्टरों की लाभप्रदता बढ़ाने में मदद करेगा। हम जानते हैं कि ईंधन की लागत में वृद्धि के बावजूद माल ढुलाई दरों में वृद्धि नहीं हुई है और हमने परिवहन ग्राहकों के मार्जिन पर बढ़ते प्रभाव को देखा है।