उत्तरकाशी-। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम तथा यात्रा पड़ावों पर चारधाम यात्रा को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं को इन दिनों अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गत देर सांय यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें यात्रा की तैयारियों को लेकर यमुनोत्री और गंगोत्री क्षेत्र में भेजे गए गए अधिकारी मौके से इस बैठक में वर्चुअली जुड़े और क्षेत्र में यात्रा से जुड़े कार्यों की प्रगति का मौके से ही लाईव प्रस्तुतिकरण किया। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के डामटा एवं अन्य स्थानों पर चैड़ीकरण सहित अन्य स्वीकृत कार्यों को अविलंब शुरू कराने की कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए चुनाव के दृष्टिगत लागू आदर्श आचार संहिता से छूट दिए जाने का प्रस्ताव तुरंत उपलब्ध कराया जाय। जिलाधिकारी ने सीमा सड़क संगठन, एनएच डिवीजन, लोनिवि को यात्रा मार्गों को दुरस्त व सुचारू बनाए रखने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सड़क खोलने के लिए पर्याप्त मात्रा में मशीनों और कार्मिकों की निरंतर तैनाती सुनिश्चित रखी जाय। जिलाधिकारी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का स्थायी उपचार किए जाने की आवश्यकता बताते हुए एनएच डिवीजन को धरासू के निकट बड़कोट मार्ग पर सक्रिय भूस्खलन क्षेत्र का मलवा बीआरओ की सड़क का निर्माण पूरा होने से पहले सुरक्षित हटाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने के साथ ही सुरक्षा के दृष्टिगत सभी एहतियाती प्रबंध किए जांय। जिलाधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा से किसी भी स्तर पर कोई समझौता न किया जाय।
बैठक में सीमा सड़क संगठन के कमांडर विवेक श्रीवास्तव एवं मेजर सिद्धार्थ गौतम ने चार धाम यात्रा को लेकर संगठन की तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारे जाने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया कि धरासू बैंड में चैड़ीकरण का काम जल्द पूरा हो जाएगा। बंदरकोट भूस्खलन का उपचार शुरू कर इस क्षेत्र में सड़क पर जमा मलवा हटाया जा रहा है। रतूड़ीसेरा भूस्खलन क्षेत्र पर भी तुरंत काम शुरू कर सड़क को सुधारा जाएगा।
लोक निर्माण विभाग बड़कोट के अधिशासी अभियंता एमएस धर्मसत्तू ने बताया कि जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग एवं रेलिंग की मरम्मत का काम पूरा कर दिया गया है। यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर विश्राम गृहों की मरम्मत, पैदल मार्ग के अनुरक्षण एवं इंटरलॉकिंग टाईल्स लगाने के कार्य अंतिम चरण में हैं। इनक कार्यों के लिए रू. 50.38 लाख की धनराशि पूर्व में स्वीकृत हुई थी। सभी काम 30 अप्रैल तक पूरे हो जाएंगे।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंडेली गाड का वैकल्पिक वन मार्ग चरम यात्रा काल में भीड़़ प्रबंधन की दृष्टि से अत्यधिक उपयोगी व महत्वपूर्ण है। लिहाजा इस मार्ग की दश सुधारी जानी जरूरी है। पुलिस अधीक्षक ने यात्रियों के पंजीकरण, सुरक्षा एवं ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर की जा रही तैयारियां की भी जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंडेली गाड मार्ग के अनुरक्षण हेतु वन विभाग को अविलंब कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि यमुनोत्री धाम के इस पारंपरिक वैकल्पिक मार्ग की स्थिति सुधारी जानी बेहद जरूरी है। प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना वन प्रभाग रविन्द्र पुंडीर ने भंडेली वन मार्ग के अस्थाई अनुरक्षण का कार्य जल्द पूरा कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस मार्ग के स्थायी निर्माण की योजना को फॉरेस्ट वर्किंग प्लान में सम्मिलित किया जाएगा।
बैठक में जानकीचट्टी से वर्चुअल माध्यम से जुड़ते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने घोड़े-खच्चरों के टीकाकरण, जॅाच व उपचार को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने जानकीचट्टी में पशुपालन विभाग की स्थाई पोस्ट के निर्माण के लिए राजस्व विभाग की भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए आठ लाख रूपये की धनराशि जिला प्रशासन के द्वारा पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। जरूरत पडे़गी तो इस काम के लिए अतिरिक्त धनराशि भी दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि घोड़े-खच्चर यमुनोत्री यात्रा का प्रमुख साधन होने के साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका का प्रमुख जरिया हैं। लिहाजा इस क्षेत्र में घोड़े-खच्चरों के बेहतर प्रबंधन, टीकाकरण एवं उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाय। जिलाधिकारी ने घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में उपयुक्त जगहों पर गर्मपानी की व्यवस्था करने और चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की भी हिदायत दी।
उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला में यमुनोत्री धाम एवं इस क्षेत्र में यात्रा प्रबंधन और तैयारियों की प्रगति का ब्यौरा देते हुए कहा कि यात्रा से जुड़े सभी इंतजाम तय समय में पूर हो जाएंगे। उप जिलाधिकारी डुंडा एवं जिला पंचायत के अपर मुख्याधिकारी नवाजिश खलीक ने बताया कि यमुनोत्री मार्ग पर चार हजार घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया जाना प्रस्तावित है। अभी तक 582 पंजीकरण हो चुके हैं और वृहस्पतिवार से क्षेत्र में पंजीकरण के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं।
पुलिस उपाधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भंडारी ने बैठक में यमुनोत्री मार्ग व धाम में में यात्रा प्रबंधन को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के स्तर से सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं। बैठक में घोड़े-खच्चरों के रोटेशन एवं टोकन सिस्टम पर भी विचार किया गया।
जिलाधिकारी ने सुलभ इंटरनेशनल को यमुनोत्री धाम में टॉयलेट्स का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के साथ ही यात्रा मार्गों पर स्थापित सभी टॉलेट्स को साफ-सुथरा व सुव्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल संभालेगा और अन्य पड़ावों पर संबंधित नगर निकाय तथा जिला पंचायत द्वारा सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
जिलाधिकारी ने गंगोत्री धाम का निरीक्षण कर लौटे मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीएसरावत एवं यमुनोत्री धाम से लौटे अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस पांगती से स्वास्थ्य सुविधाओं एवं चिकित्सकों की तैनाती के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि यात्रा मार्गों पर अस्थाई रूप से स्थापित की जाने वाली मेडीकल पोस्टों पर पर्याप्त मात्रा में दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य जरूरी इंतजाम रखे जांय। जिलाधिकारी ने पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति के इंतजामों की भी समीक्षा की और गंगोत्री, यमुनोत्री व जानकीचट्टी में हाईमास्ट लाईट की स्थापना का कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने गंगोत्री मार्ग पर हीना में निर्माणाधीन पार्किंग के निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में पार्किंग स्थल पर मौजूद अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई भरत राम से वीडियो कॉल के माध्यम से जानकारी लेते हुए कहा कि इस काम को लगातार चालू रख समय से पूरा किया जाय। इस पार्किंग स्थल का काम पूरा होने तक यात्रियों के पंजीकरण एवं जांच से संबंधित केन्द्र अन्यत्र संचालित किया जाएगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केके जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, वन विभाग के एसडीओ मयंक गर्ग, एसडीआरएफ के निरीक्षक जगदम्बा प्रसाद सहित विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारी उपस्थित रहे। जबकि विभिन्न विभागों, नगर निकायों व संगठनों के अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया।

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