मुकेश सिंह तोमर
बीते 12 अक्टूबर को दशहरा पर्व के अवसर पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हिन्दू आक्रोश दिवस मनाया गया। जोकि निमित्तेकम सोसाइटी और धर्माश फाउंडेशन की तरह से आयोजित किया गया। इस अवसर पर समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए मुख्य वक्ता के रूप में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, ओमेंद्र रत्नू, नीरज अत्री, रमणीक मान, वैभव सिंह, राकेश उतराखड़ी और प्रीतेश विश्वनाथ ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान भारत में हिन्दू शरणार्थियों के हित के लिए विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड के गठन की मांग भी की गई।
मीडिया से बात करते हुए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया यह भी अच्छा बदलाव है कि राजनीतिक दल हिन्दू की बात करने लगे है। हम सनातनी समझते कि हर समस्या का हल सरकार के पास है। शायद यह हमारी सबसे बड़ी भूल और कमजोरी है। उन्होंने इस बात पर भी भरपूर जोर दिया कि दो भी हिन्दू जिस भी जगह जिस स्थिति में है। वह पड़ोसी देशों में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे मे बात करे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताए और हर संभव सहयोग करे उन संस्थानों का जो हिन्दू सनातन और विस्थापितों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने ने इजराइल का उदाहरण देकर बताया है कि जो बहादुर और एकजुट होता है उसके पीछे पूरा विश्व होता है।
इसलिए ये जरूरी है कि भारत का हिन्दू एकजुट हो, और सरकारों को मजबूर करे कि वह पाकिस्तान तथा बांग्लादेश ही नहीं, विश्व भर में जहाँ भी हिन्दू है उनकी सुरक्षा के लिए काम करे और विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड का गठन हो। राजस्थान में उठी विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड गठन की मांग के इस मौके पर निमित्तेकम सोसाइटी धर्मांश फाउंडेशन में जौनसार बावर क्षेत्र के राकेश उतराखड़ी ने भी हिन्दू सनातन संस्कृति के ऊपर हो रहे विधर्मी समुदाय द्वारा अत्याचारों को लेकर हिन्दू जनजागृति के हर समाज के लोगों को एकजुट होकर काम करने लिए जागरूक करते आ रहे है जौनसार बावर के राकेश उतराखंड भी हिन्दू समाज के लोगों को जगाने के लिए तन-मन से जुड़े है।
हिन्दू राष्ट्र को अंदर से कमजोर करने की कोशिश में जो लोग लगे है उन्हें हम सबक सिखाकर एक भारतीय होने के नाते एक मजबूत राष्ट्र के लिए हिन्दू आपस में एकजुट होकर देश के लिए काम करे।
इसलिए हम इंतजार करते रहते है कि सरकार इस पर कोई नियम-कानून बनाए। सरकार को ये जब करना होगा तब करेगी। राकेश उतराखड़ी ने बताया है कि हर दिन कई हिन्दू, सिख लड़कियों (बालिकाओं) का उनके घर से अपहरण कर लिया जाता है, और आने वाले 10 वर्षों में पाकिस्तान और बांग्लादेश में सभी हिन्दू और सिखों को मिटाने की मुहिम जारी है। वे सभी या तो जीवित नहीं बचेंगे या धर्म परिवर्तन कर लेंगे। उनके पास पलायन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
निमित्तेकम सोसाइटी और धर्मांश फाउंडेशन के डॉ. ओमेद्र रत्नू ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान में हिन्दूओं की संख्या 16 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत रह गई। जबकि बांग्लादेश में हिन्दू की संख्या 35 प्रतिशत से घटकर 8 प्रतिशत रह गई। इस प्रकार भारत में हिन्दू 85 प्रतिशत से घटकर 80 प्रतिशत रहे गये। एक जागरूक समाज के तौर पर हिन्दूओं के लिए काम करने ताकत लगानी चाहिए। 2016 में अपनी स्थापना के बाद से निमित्तेकम सोसाइटी उपमहाद्वीप में सीमा पार के प्रताड़ित हिन्दू, सिखों ईसाईयों और अल्पसंख्यक के दर्द को कम करने के लिए कर रही है। जो सिर्फ अपने पैतृक धर्म का पालन करने के लिए अत्यधिक कठिनाइयों और अपमान का जीवन जी रहे हैं। उनके लिए यह निमित्तेकम सोसाइटी जमीनी स्तर से जुड़कर दिनरात काम कर रही है।