मुकेश सिंह तोमर
जौनसार बावर क्षेत्र अपनी अनूठी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र देव आस्था के रूप में भी प्रसिद्ध माना जाता है। यहां की संस्कृति में देव पर्व की एक अगल ही पहचान और प्रमुख विशेषता है। पूरे जनजातीय समाज के लोग अपना कुल आराध्य देव महासू देवता को मानते है।
जौनसार बावर में पांईता पर्व पर मंदिरों में लोगों ने अपने दर्शन कर खुशहाली की मन्नते मांगी। इस दौरान खत बहलाड़ के बिसोई, खत करू के डाबरा, लखस्यार, लखवाड़, सिमोग, बमराड़, कनबुआ आदि गांवों में पांईता पर्व में मंदिरों में भक्तजनों की भीड़ उमड़ी। जौनसार बावर क्षेत्र में पांईता पर्व के अवसर पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन किए जाते हैं।
दशहरा पर्व पर जौनसार बावर क्षेत्र में महासू देवता मंदिरों से देव चिह्नों और देव डोलियां, निशान, छड़ी, डोरि ये, आदि भगवान महासू देवता के चिन्ह मंदिर से बाहर श्रद्धालुओं के देव-दर्शन
के लिए विराजमान हुए। बेहद सुंदर नकाशी शैली में भव्य महासू देवता मंदिर खत बहलाड़ के बिसोई गांव में बना है। देवदार की कीमती लकड़ी से निर्मित यह महासू देवता मंदिर अपनी सुंदर व दिव्य नक्काशी शैली के लिए बेहद प्रसिद्ध है। प्रत्येक रविवार को यहां भंडार दिया जाता है, पर्यटकों के लिए भंडारे की उचित व्यवस्था है। इस पांइता पर्व पर बिसोई मंदिर में अपनी श्रद्धा से भंडारे की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए कमरियों परिवार श्री पूरन सिंह नेगी उनके पुत्र जयपाल सिंह नेगी, नरेंद्र नेगी के द्वारा की गई थी।
इस शुभ पावन पर्व पर्व मंदिर के सभी देव माली एवं खत बहलाड़ अध्यक्ष श्री मोहर सिंह चौहान, बजीर श्री गंभीर सिहं चौहान, महेंद्र सिंह चौहान पूर्व खत बहलाड़ अध्यक्ष गजेंद्र सिंह चौहान मंदिर पुजारी श्री अंकित जोशी, मंदिर भंडारी श्री रणवीर सिंह तोमर, भंडारी गंभीर सिहं तोमर, भंडारी परम सिंह तोमर एवं मंदिर के सभी देव बाजगी तथा कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।