-रोडवेज बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी उत्तराखण्ड की बहनें, आदेश जारी
देहरादून। हर साल की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा बंधन पर बहनों को सौगात दी है। रक्षाबंधन के दिन महिलाएं उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी। उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) सीपी कपूर ने आदेश जारी किए है। उत्तराखंड परिवहन निगम की तरफ से जारी आदेश में साफ किया गया है कि रक्षाबंधन के दिन उत्तराखंड राज्य के भीतर उत्तराखंड परिवहन निगम बसों में महिलाएं फ्री सफर कर सकती है। उनसे कोई किराया नहीं लिया जाएगा। निगम मुख्यालय को अवगत कराया गया है कि सम्यक विचारोपरान्त शासन स्तर पर गत वर्ष की भांति वर्ष-2024 में भी रक्षाबंधन के दिन प्रदेश की महिलाओं को प्रदेश के अन्दर उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने संचालित बसों के किराये में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त पत्र के द्वारा रक्षाबन्धन के दिन प्रदेश की महिलाओं को प्रदेश के अन्दर उत्तराखण्ड परिवहन निगन ने संचालित बसों के किराये में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान कर निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिये गये है। निःशुल्क यात्रा सुविधा के फलस्वरूप आने वाले व्ययभार की प्रतिपूर्ति शासन से की जायेगी।
शासन के उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन में आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने-अपने अधीनस्थ डिपोज के चालकों व परिचालकों को निर्देश जारी कर दें कि वह रक्षाबंधन के दिन प्रदेश की महिलाओं को प्रदेश के अन्दर एवं उत्तराखण्ड से उत्तराखण्ड जाने में यदि उत्तर प्रदेश का भू-भाग भी पडता है तो उस पर भी उत्तराखण्ड परिवहन निगम के संचालित साधारण बसों के किराये में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान कर निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करें। परिचालक की ई-टिकट मशीन से अथवा लगेज बुक से (कहां से कहां तक लिखकर) गन्तव्य का टिकट बनाया जाये तथा धनराशि के स्थान पर शून्य अंकित किया जाए एवं उसकी प्रविष्टी मार्गपत्र में अंकित की जाए।
इस प्रकार रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को प्रदान की गयी निःशुल्क यात्रा सुविधा का विवरण डिपोज में अलग पंजिका में रखा जाए तथा रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को डिपोवार उपलब्ध करायी गयी निःशुल्क यात्रा सुविधा का आगणन तैयार कर मण्डलीय प्रबन्धक (संचालन) के माध्यम से मुख्यालय में लेखा शाखा के डयूज अनुभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि उसकी प्रतिपूर्ति मांग शासन को भेजी जा सके। उक्त आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए तथा आदेश की एक-एक प्रति डिपो के नोटिस बोर्ड पर चालकों व परिचालकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित की जाए।