-छात्राओं के साथ छेड़खानी  की घटना होने पर होगी त्वरित एवं कठोर कार्यवाही
-महाविद्यालयों के प्राचार्यों व शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति कोषागार से होगी लिंक

देहरादून। सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने आवास  स्थित कैंप कार्यालय में  उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा  बैठक लेते हुए विभागीय अधिकारियों को दिए उक्त निर्देश। उन्होंने  विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए उनके समाधान हेतु त्वरित कार्यवाही करने के लिए कहा।  उन्होंने कहा कि  राज्य और देश के विकास में उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसकी गुणवत्ता और उन्नयन हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि छात्र हित  में हम सभी को अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करना है।  संस्थानों  में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अनुशासन तथा सुचिता बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा  कि संसथान के  शिक्षकों एवं  कर्मियों को अपने आचरण और व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। मंत्री उच्च शिक्षा ने कहा कि सरकार छात्राओं  और महिलाओं  की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है और यदि कोई भी कार्मिक इसका दोषी पाया जाता है तो कठोर विधिक कार्यवाही सहित उसे सेवा से भी बर्खास्त किया जायेगा।
उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और उन्नयन पर मंथन के लिए 21 नवंबर को बनास पैठानी में उच्च शिक्षा परिषद् की बैठक आहूत करने के निर्देश दिए।  इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक जनपद में विकसित भारत की संकल्पना को लेकर तथा राष्ट्रीय शिक्षा  नीति 2020 पर 26  जनवरी तक संगोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिये।  उन्होंने कहा की मा प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के संकल्प को जन जन  का संकल्प बनाना होगा और इसके लिए युवा ऊर्जा सबसे  महत्वपूर्ण है।
उन्होंने उच्च शिक्षा अनतर्गत समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ऐकडेमिक कैलेंडर का कड़ाई से शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।  डॉ. रावत ने उच्च  शिक्षा विभाग अंतर्गत राज्य  विश्वविद्यालयों को  अनिवार्य रूप से  नैड डिजिलॉकर के माध्यम से ही समर्थ पोर्टल पर परीक्षा परिणाम  घोषित करने के निर्देश दिए जिससे क्रेडिट मैपिंग सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने समस्त विश्वविद्यालयों को 30 नवंबर तक  दीक्षांत समारोह कराने  के भी निर्देश प्रदान किये जो अपरिहार्य स्थिति में अधिकतम 15 दिसंबर तक हो सकता है। मंत्री उच्च शिक्षा ने महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में छात्रों सहित प्राचार्य एवं प्राध्यापकों  की उपस्थिति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।  उन्होंने प्राचार्य एवं प्राध्यापकों  सहित समस्त कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति  को कोषागार  से जोड़ने के निर्देश दिए।  डॉ. रावत ने समस्त उच्च शिक्षण संस्थाओं  को 31 मार्च तक नैक कराने के निर्देश सहित उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु अन्य निर्देश दिए। बैठक  में निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजु  अग्रवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. ए. एस. उनियाल, सहायक निदेशक प्रो. दीपक कुमार पाण्डेय, सलाहकार रूसा प्रो. एम. एस. एम रावत एवं प्रो. के. डी. पुरोहित उपस्थित थे।

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