-श्रद्धा की साक्षात देवी है गौमाता
-बिना गाय की प्रतिष्ठा के पितरों के प्रति कैसी श्रद्धा
देहरादून। गौ माता राष्ट्र माता अभियान के अग्रदूत पूज्य गोपाल मणि महाराज जी अपने प्रवचन में बता रहे हैं कि सगुण ब्रह्म के उपासकों को ब्रह्म अर्थात ईश्वर के दर्शन होते हैं। भगवान की भक्ति में इतना डूब जायें कि कोई हमें अपशब्द भी बोले तो उसमें भी अपने ईश्वर का गीत सुनाये दे,प्रत्येक क्षण ईश्वर के नाम का संकीर्तन करते रहें, सब कुछ भूल कर केवल भगवान प्रतिपल याद रहे, प्रभु की याद में खो जाना ही असली भक्ति व ज्ञान है, भगवान को मन रूपी सुमन को चढ़ाना चहिये। शरीर रूपी पत्र, मन रूपी पुष्प, संतान रूपी फल एवं आँसू रूपी जल इनमें से यदि कोई एक भी भगवान को चढ़ा दे तो परमात्मा के दर्शन व भक्ति हो जाती हैं लेकिन भगवान के सामने दिखावा न करें।
यह कथा सात दिनों तक चलेगी इस अवसर पर मनोहर लाल जुयाल बलवीर सिंह पंवार सूर्यकांत धस्माना शूरवीर सिंह मतुड़ा यशवंत सिंह रावत डॉ जनानंद नौटियाल विमला नौटियाल आनन्द सिंह रावत डॉ सीता जुयाल वासुदेव चमोली कामिनी मोहन नौटियाल महावीर खंडूड़ी डॉ राकेश मोहन नॉटियाल कामनी मोहन तेजराम सूरतराम डंगवार देवेंद्र पाल सिंह ऋषिराज उनियाल आचार्य राकेश रविन्द्र राणा बृजलाल रतूड़ी सहित मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे हैं ।